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check our jinvani postsनव तत्व (Nav Tattvas or Principles of reality)
Jain philosophy can be described in various ways, but the most acceptable tradition is to describe it in terms of the Nav Tattvas or nine fundamentals. 1) Jiva (soul) 2) Ajiva (non-living matter) 3) Punya (results of good deeds) 4) Pap (results of bad deeds) 5) Asrava...
श्रावक के नित्य प्रत्याख्यान
चौदह राजु लोक में असंख्य द्वीप समुद्र में, अढ़ाई द्वीप पन्द्रह क्षेत्र में, मेरे शरीर से स्पर्श करने में आवे, मुँह से खाने में, पीने में, बोलने में आवे, रसनेन्द्रिय से रस लेने में आवे, नाक से सूँघने में आवे, आँखों से देखने में आवे, कानों से सुनने में आवे, दोनों हाथों...